बुधवार, 9 मई 2012

दवा का काम करते हैं मशरूम- मशरूम की खेती


खाने में लाजवाब लगने वाले मशरूम को दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. खास तौर से चीन और दक्षिण अमेरिका में तो सदियों से इन्हें कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. 


पश्चिमी देशों में भी इन दिनों मशरूम का चलन शुरू हो गया है. आम तौर पर इन्हें गोलियों या कैप्सूल के रूप में खरीदा जा सकता है. जर्मनी में जहां दवा केवल डॉक्टर के लिखने पर ही खरीदी जा सकती है, वहां मशरूम वाले कैप्सूल खरीदने के लिए डॉक्टर की इजाजत की जरूरत नहीं है. इन कैप्सूल्स को सप्लिमेंट के तौर पर लिया जाता है. कई बार तो डॉक्टर भी मरीजों को इन्हें लेने की हिदायत देते हैं.



मरीजों का ध्यान भी इनकी तरफ काफी जा रहा है, जैसे की जर्मनी की ब्रिगिट श्मिट का. उन्हें लीवर की शिकायत है. लेकिन मशरूम वाले कैप्सूल लेने के बाद से वह बेहतर महसूस कर रही हैं. जर्मनी के हनोवर शहर में रहने वाली चीन की डॉक्टर जी हुआन बताती हैं कि मशरूम की कई तरह की किस्में होती हैं और हर बीमारी के लिए अलग तरह की किस्म का इस्तेमाल किया जाता है. माईटेक, पॉम पॉम, शीटेक और रेशी इनमें से कुछ किस्मों के नाम हैं.

इनका गले में खराश से ले कर दमे तक के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही मधुमेह से छुटकारा पाने के लिए और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी इन्हें लिया जाता है. यहां तक कि जवान दिखने के लिए एंटी-एजिंग फॉर्मूला में भी इनका इस्तेमाल होता है. चीन में इनका इस्तेमाल पिछले तीन हजार सालों से होता आया है. वहां कैंसर का इलाज भी मशरूम से किया जाता है. ब्लड प्रेशर और ट्यूमर के इलाज में भी ये लाभदायक साबित होते हैं.


हनोवर के एक अन्य डॉक्टर स्वेन उवे कोटे बताते हैं कि इन कैप्सूल्स के साथ ढेर सारा पानी पीना जरूरी है, नहीं तो इनका दुष्प्रभाव भी हो सकता है. चक्कर आना, पेट में दर्द होना और उल्टी होना इनके आम दुष्प्रभाव हैं. साथ ही इन्हें सही मात्रा में लेना भी बेहद जरूरी है. लेकिन आम तौर पर इन पर ध्यान नहीं दिया जाता, क्योंकि अधिकतर लोग इन्हें इंटरनेट में खरीदते हैं. इसलिए ना ही उनके पास कोई प्रेस्क्रिप्शन होती है और ना ही वे किसी डॉक्टर से सलाह लेते हैं. डॉक्टर जी हुआन का कहना है कि यह खतरनाक साबित हो सकता है. इनका इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब इनके साथ ठीक तजुर्बा हो.

शायद कम ही लोग यह बात जानते हों कि सब से पहला एंटीबायोटीक पेनिसिलिन भी मशरूम से ही बनाया गया था.

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